ITI Electrician Interview Tips 2025: How to Prepare & Crack the Interview

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Electrician बनने के लिए interview में अच्छे marks और practical knowledge दोनों जरूरी हैं। इस article में हमने Top 30 Interview Questions और उनके Answers दिए हैं। इसके अलावा, interview में कैसे तैयारी करनी चाहिए, क्या ध्यान रखना चाहिए और common FAQs भी शामिल हैं।

Interview में आपसे सिर्फ technical knowledge नहीं बल्कि attitude, confidence और safety awareness भी check किया जाता है।

ITI Electrician Interview Questions

Top 30 Interview Questions and Answers for ITI Electrician

Basic Electrical Concepts

1. Electricity क्या है?

Electricity (बिजली), ऊर्जा का एक रूप है जो आवेशित कणों, मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह से उत्पन्न होती है। जब ये इलेक्ट्रॉन किसी चालक (जैसे तांबे के तार) से होकर गुजरते हैं, तो इस प्रवाह को विद्युत धारा (electric current) कहते हैं। इसी ऊर्जा का उपयोग हम अपने घरों और उद्योगों में प्रकाश, गर्मी और मशीनों को चलाने के लिए करते हैं। यह आधुनिक जीवन के लिए एक मौलिक आवश्यकता है।

2. AC और DC में क्या अंतर है?

AC (Alternating Current) और DC (Direct Current) बिजली के दो प्रकार हैं। AC में, करंट की दिशा और मान एक निश्चित समय के बाद लगातार बदलती रहती है, जैसा कि हमारे घरों में आने वाली सप्लाई में होता है। इसके विपरीत, DC में करंट केवल एक ही दिशा में बहता है और इसका मान स्थिर रहता है, जैसे बैटरी या सोलर सेल से मिलने वाली बिजली। AC को ट्रांसफार्मर की मदद से आसानी से स्टेप-अप या स्टेप-डाउन किया जा सकता है, इसलिए इसे लंबी दूरी तक भेजना आसान होता है।

3. Ohm's Law समझाएं।

ओम का नियम (Ohm's Law) किसी भी विद्युत सर्किट में वोल्टेज (V), करंट (I) और प्रतिरोध (R) के बीच संबंध बताता है। इस नियम के अनुसार, यदि तापमान स्थिर रहे, तो किसी चालक में प्रवाहित होने वाला करंट उसके सिरों पर लगाए गए वोल्टेज के सीधे आनुपातिक होता है। इसका सूत्र V = I × R है। सरल शब्दों में, वोल्टेज बढ़ाने पर करंट बढ़ता है और प्रतिरोध बढ़ाने पर करंट घटता है।

4. Conductor और Insulator में क्या अंतर है?

Conductor (चालक): ये वे पदार्थ हैं जिनमें से विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित हो सकती है क्योंकि इनमें बहुत सारे मुक्त इलेक्ट्रॉन (free electrons) होते हैं। उदाहरण के लिए, तांबा, एल्यूमीनियम, चांदी और लोहा अच्छे चालक हैं। Insulator (कुचालक): ये वे पदार्थ हैं जो विद्युत धारा के प्रवाह को रोकते हैं क्योंकि इनमें मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं। इनका उपयोग सुरक्षा के लिए किया जाता है। उदाहरण: रबर, प्लास्टिक, लकड़ी और कांच।

5. Resistance क्या है?

Resistance (प्रतिरोध) किसी भी पदार्थ का वह गुण है जो उसमें से बहने वाली विद्युत धारा का विरोध करता है या उसके प्रवाह में बाधा डालता है। जब इलेक्ट्रॉन किसी चालक से होकर गुजरते हैं, तो वे उसके परमाणुओं से टकराते हैं, जिससे उनकी गति में रुकावट आती है, इसी रुकावट को प्रतिरोध कहते हैं। इसे ओह्म (Ω) में मापा जाता है। तार की लंबाई, मोटाई और पदार्थ पर प्रतिरोध का मान निर्भर करता है।

6. Fuse का क्या function है?

फ्यूज एक सुरक्षा उपकरण (safety device) है जिसे सर्किट में सीरीज में लगाया जाता है। यह एक पतले तार का बना होता है जिसका गलनांक (melting point) बहुत कम होता है। जब सर्किट में ओवरलोड या शॉर्ट सर्किट के कारण निर्धारित सीमा से अधिक करंट बहता है, तो यह तार गर्म होकर पिघल जाता है और सर्किट को तोड़ देता है। इससे महंगे उपकरण और वायरिंग जलने से बच जाते हैं।

7. Circuit Breaker क्या है?

सर्किट ब्रेकर भी फ्यूज की तरह एक स्वचालित सुरक्षा स्विच है जो सर्किट को ओवरलोड या शॉर्ट सर्किट से बचाता है। फ्यूज की तरह पिघलने के बजाय, यह फॉल्ट होने पर अपने आप 'ट्रिप' होकर सप्लाई बंद कर देता है। सबसे बड़ा फायदा यह है कि फॉल्ट ठीक करने के बाद इसे मैन्युअल रूप से रीसेट करके दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है, जबकि फ्यूज को बदलना पड़ता है।

Electrical Wiring and Earthing

8. Earthing या Grounding क्या है?

Earthing या Grounding एक सुरक्षा प्रक्रिया है जिसमें किसी भी बिजली के उपकरण की बाहरी धातु की बॉडी या मशीन के नॉन-करंट वाले हिस्से को एक मोटे तार द्वारा जमीन से जोड़ा जाता है। ऐसा करने का मुख्य उद्देश्य किसी भी फॉल्ट की स्थिति में लीकेज करंट को जमीन में जाने के लिए एक कम प्रतिरोध वाला सुरक्षित रास्ता प्रदान करना है। इससे बिजली के झटके का खतरा समाप्त हो जाता है।

9. Earthing क्यों important है?

अर्थिंग कई कारणों से बहुत महत्वपूर्ण है। सबसे पहला, यह मानव सुरक्षा सुनिश्चित करती है और बिजली के झटके से बचाती है। दूसरा, यह महंगे उपकरणों को लीकेज करंट या शॉर्ट सर्किट से होने वाले नुकसान से सुरक्षित रखती है। तीसरा, यह आकाशीय बिजली (lightning) जैसी स्थितियों में उत्पन्न हाई वोल्टेज को जमीन में भेजकर सिस्टम को सुरक्षित रखती है और वोल्टेज को स्थिर बनाए रखने में मदद करती है।

10. Neutral और Earth wire में क्या अंतर है?

न्यूट्रल तार सर्किट को पूरा करने के लिए करंट का वापसी पथ (return path) प्रदान करता है और सामान्य स्थिति में इसमें करंट बहता है। यह सप्लाई सिस्टम का हिस्सा होता है। वहीं, अर्थ तार एक सुरक्षा तार है जो सामान्य स्थिति में कोई करंट नहीं ले जाता है। इसका काम सिर्फ फॉल्ट या लीकेज होने पर करंट को सीधे जमीन में भेजना है, ताकि सुरक्षा उपकरण (MCB) ट्रिप हो सके और व्यक्ति को शॉक न लगे।

11. Wiring के विभिन्न types क्या हैं?

इमारतों में वायरिंग कई प्रकार की होती है, जिनमें मुख्य हैं: क्लीट वायरिंग (Cleat Wiring): यह अस्थायी वायरिंग है। बैटन वायरिंग (Batten Wiring): लकड़ी के बैटन पर तार लगाए जाते हैं। केसिंग-कैपिंग वायरिंग (Casing-Capping Wiring): PVC की पट्टियों के अंदर तार बिछाए जाते हैं। कंड्यूट वायरिंग (Conduit Wiring): यह सबसे सुरक्षित और आधुनिक तरीका है, जिसमें तारों को धातु या PVC पाइप (कंड्यूट) के अंदर से ले जाया जाता है।


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12. भारत में wiring के लिए standard color code क्या है?

भारत में नई वायरिंग के लिए मानक रंग कोड इस प्रकार है: फेज (Phase): सिंगल फेज के लिए भूरा (Brown)। थ्री-फेज के लिए लाल (Red), पीला (Yellow), नीला (Blue) - (RYB)। न्यूट्रल (Neutral): काला (Black)प्रोटेक्टिव अर्थ (Protective Earth): हरा (Green)। रंगों का यह मानकीकरण तारों की सही पहचान करने और वायरिंग के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

Motors and Generators

13. DC motor का working principle क्या है?

DC मोटर इस सिद्धांत पर काम करती है कि जब किसी करंट ले जाने वाले चालक (current-carrying conductor) को चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) में रखा जाता है, तो उस पर एक बल (force) लगता है। फ्लेमिंग के बाएं हाथ के नियम (Fleming's Left-Hand Rule) के अनुसार, यह बल चालक को घुमाने की कोशिश करता है, जिससे एक टॉर्क उत्पन्न होता है। इसी टॉर्क के कारण मोटर का आर्मेचर या शाफ्ट घूमने लगता है और हमें मैकेनिकल ऊर्जा मिलती है।

14. DC motor में Back EMF क्या है?

जब डीसी मोटर का आर्मेचर चुंबकीय क्षेत्र में घूमता है, तो यह एक जनरेटर की तरह भी काम करता है और इसके कंडक्टर में एक EMF (विद्युत वाहक बल) उत्पन्न होता है। यह उत्पन्न EMF सप्लाई वोल्टेज की विपरीत दिशा में होता है, इसलिए इसे बैक EMF या काउंटर EMF कहते हैं। यह मोटर की गति को नियंत्रित करने में मदद करता है और आर्मेचर करंट को सीमित रखता है। बैक EMF मोटर की गति के सीधे आनुपातिक होता है।

15. DC motor में starter का क्या function है?

DC मोटर में स्टार्टर का मुख्य कार्य मोटर के शुरुआती हाई करंट को नियंत्रित करना है। जब मोटर बंद होती है, तो उसमें कोई बैक EMF नहीं होता, जिससे आर्मेचर बहुत ज्यादा करंट खींचता है (I = V/R)। यह हाई करंट वाइंडिंग को जला सकता है। स्टार्टर शुरू में आर्मेचर सर्किट के सीरीज में एक प्रतिरोध जोड़कर करंट को सुरक्षित सीमा तक कम कर देता है और जैसे-जैसे मोटर गति पकड़ती है, यह प्रतिरोध धीरे-धीरे हटता जाता है।

16. Generator क्या है?

जनरेटर एक ऐसी मशीन है जो यांत्रिक ऊर्जा (mechanical energy) को विद्युत ऊर्जा (electrical energy) में परिवर्तित करती है। यह फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण (electromagnetic induction) के सिद्धांत पर काम करता है। जब एक चालक (conductor) को एक चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) में घुमाया जाता है, तो चालक में EMF (वोल्टेज) उत्पन्न होता है। इस प्रक्रिया के लिए एक चुंबकीय क्षेत्र, चालक और दोनों के बीच सापेक्ष गति की आवश्यकता होती है।

17. Motor और Generator में क्या अंतर है?

मोटर और जनरेटर की बनावट लगभग एक जैसी होती है, लेकिन उनका काम एक दूसरे के बिल्कुल विपरीत होता है। मोटर (Motor): यह विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलती है। यानी, बिजली देने पर यह घूमती है। यह फ्लेमिंग के बाएं हाथ के नियम पर काम करती है। जनरेटर (Generator): यह यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है। यानी, इसे घुमाने पर यह बिजली पैदा करता है। यह फ्लेमिंग के दाएं हाथ के नियम पर काम करता है।

Transformers

18. Transformer क्या है?

ट्रांसफार्मर एक स्थिर (static) विद्युत उपकरण है जो बिना फ्रीक्वेंसी बदले, AC वोल्टेज को एक स्तर से दूसरे स्तर (कम से ज्यादा या ज्यादा से कम) में परिवर्तित करता है। यह म्यूचुअल इंडक्शन (पारस्परिक प्रेरण) के सिद्धांत पर काम करता है। जिस वाइंडिंग पर सप्लाई दी जाती है उसे प्राइमरी वाइंडिंग और जिससे आउटपुट लिया जाता है उसे सेकेंडरी वाइंडिंग कहते हैं।

19. Transformer किस principle पर काम करता है?

ट्रांसफार्मर म्यूचुअल इंडक्शन (Mutual Induction) के सिद्धांत पर काम करता है। जब इसकी प्राइमरी वाइंडिंग को AC सप्लाई दी जाती है, तो एक बदलता हुआ चुंबकीय फ्लक्स (alternating magnetic flux) कोर में उत्पन्न होता है। यह फ्लक्स जब सेकेंडरी वाइंडिंग से जुड़ता है, तो फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के नियम के अनुसार, सेकेंडरी वाइंडिंग में भी एक EMF (वोल्टेज) उत्पन्न हो जाता है।

20. Transformer को kVA में क्यों rate किया जाता है, kW में क्यों नहीं?

ट्रांसफार्मर में होने वाले लॉस (losses) उसके वोल्टेज और करंट पर निर्भर करते हैं, न कि लोड के पावर फैक्टर पर। इसमें दो मुख्य लॉस होते हैं: कॉपर लॉस (जो करंट पर निर्भर है) और आयरन लॉस (जो वोल्टेज पर निर्भर है)। चूंकि कुल लॉस वोल्टेज और एम्पीयर (VA) पर निर्भर करते हैं, इसलिए ट्रांसफार्मर की रेटिंग किलोवोल्ट-एम्पीयर (kVA) में दी जाती है, न कि किलोवाट (kW) में, क्योंकि kW पावर फैक्टर को भी ध्यान में रखता है।

21. Transformer oil क्या है, और इसका function क्या है?

ट्रांसफार्मर ऑयल एक विशेष प्रकार का खनिज तेल (mineral oil) है जिसका उपयोग बड़े ट्रांसफार्मरों में किया जाता है। इसके दो मुख्य कार्य हैं। पहला, यह एक बेहतरीन इन्सुलेटर के रूप में काम करता है, जो वाइंडिंग और अन्य हिस्सों के बीच शॉर्ट सर्किट होने से रोकता है। दूसरा, यह एक कूलेंट (शीतलक) के रूप में कार्य करता है, जो वाइंडिंग और कोर में उत्पन्न गर्मी को अवशोषित करके उसे ट्रांसफार्मर की बॉडी तक पहुंचाता है, जहां से गर्मी बाहर निकल जाती है।

Measuring Instruments and Safety

22. Multimeter क्या है?

मल्टीमीटर एक बहु-उपयोगी इलेक्ट्रॉनिक मापक यंत्र है जिसका उपयोग विभिन्न विद्युत राशियों को मापने के लिए किया जाता है। जैसा कि नाम से पता चलता है, यह 'मल्टी' यानी कई मीटर का काम एक ही डिवाइस में करता है। इससे मुख्य रूप से वोल्टेज (AC/DC), करंट (AC/DC), और प्रतिरोध (Resistance) मापा जा सकता है। इसके अलावा, आधुनिक डिजिटल मल्टीमीटर से कैपेसिटेंस, फ्रीक्वेंसी और डायोड टेस्टिंग भी की जा सकती है।

23. Multimeter से current कैसे मापते हैं?

करंट मापने के लिए, मल्टीमीटर को सर्किट के साथ सीरीज (series) में जोड़ना पड़ता है। इसका मतलब है कि आपको सर्किट को कहीं से तोड़ना होगा और मीटर के दोनों प्रोब्स को उन दो खुले सिरों पर लगाना होगा ताकि सारा करंट मीटर से होकर गुजरे। सबसे पहले, मीटर की नॉब को सही करंट रेंज (A, mA) पर सेट करें और प्रोब्स को सही जैक (Amps और COM) में लगाएं।

24. Multimeter से voltage कैसे मापते हैं?

वोल्टेज मापने के लिए, मल्टीमीटर को उस घटक (component) के समानांतर (parallel) में जोड़ा जाता है जिसके सिरों पर वोल्टेज मापना है। इसके लिए सर्किट को तोड़ने की जरूरत नहीं होती है। बस मीटर की नॉब को सही वोल्टेज रेंज (ACV या DCV) पर सेट करें और मीटर के दोनों प्रोब्स को उस घटक के दोनों सिरों पर स्पर्श कराएं। मीटर उन दो बिंदुओं के बीच का विभवांतर (potential difference) दिखाएगा।

25. PPE का full form क्या है, और electrician के लिए कुछ उदाहरण क्या हैं?

PPE का फुल फॉर्म Personal Protective Equipment (व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण) है। ये वे उपकरण हैं जिन्हें इलेक्ट्रीशियन काम करते समय खुद को बिजली के खतरों से बचाने के लिए पहनता है। इलेक्ट्रीशियन के लिए कुछ महत्वपूर्ण PPE हैं: इन्सुलेटेड दस्ताने (Insulated gloves), सुरक्षा चश्मा (Safety glasses), हेलमेट (Hard hat), रबर सोल वाले सुरक्षा जूते (Safety shoes), और कभी-कभी फेस शील्ड।

26. यदि आप किसी को electric shock लगते हुए देखते हैं तो क्या करें?

ऐसी स्थिति में, इन कदमों का पालन करें: पीड़ित व्यक्ति को सीधे कभी न छुएं, वरना आपको भी करंट लग सकता है। तुरंत मेन पावर सप्लाई को बंद करने का प्रयास करें (MCB या मेन स्विच से)। यदि सप्लाई बंद करना संभव न हो, तो किसी सूखी और गैर-प्रवाहकीय वस्तु (जैसे सूखी लकड़ी, प्लास्टिक की कुर्सी) से व्यक्ति को तार से अलग करें। व्यक्ति के अलग हो जाने पर, तुरंत मेडिकल सहायता के लिए कॉल करें और यदि आवश्यक हो तो CPR दें।

Troubleshooting and General Knowledge

27. पंखे के धीरे चलने के क्या कारण हो सकते हैं?

पंखे के धीरे चलने के कई कारण हो सकते हैं। सबसे आम कारण कैपेसिटर (Capacitor) का कमजोर होना है, जो मोटर को जरूरी स्टार्टिंग टॉर्क नहीं दे पाता। अन्य कारणों में बॉल बेयरिंग (Ball Bearings) का जाम होना या घिस जाना, सप्लाई वोल्टेज का कम आना, या मोटर की वाइंडिंग में कोई खराबी होना शामिल है। सबसे पहले कैपेसिटर को बदलकर देखना चाहिए क्योंकि यह सबसे सामान्य समस्या है।

28. MCB trip क्यों होता है?

MCB (Miniature Circuit Breaker) मुख्य रूप से दो कारणों से ट्रिप होता है: ओवरलोड (Overload): जब सर्किट से उसकी क्षमता से अधिक करंट खींचा जाता है, जैसे एक ही सॉकेट पर कई भारी उपकरण चलाने पर। MCB कुछ देर बाद गर्म होकर ट्रिप हो जाता है। शॉर्ट सर्किट (Short Circuit): जब फेज और न्यूट्रल तार सीधे एक-दूसरे के संपर्क में आ जाते हैं। इस स्थिति में बहुत तेजी से अत्यधिक करंट बहता है और MCB तुरंत ट्रिप हो जाता है।

29. Single-phase और Three-phase supply में क्या अंतर है?

सिंगल-फेज सप्लाई में एक फेज तार और एक न्यूट्रल तार होता है। भारत में इसमें 230V की सप्लाई आती है और इसका उपयोग आमतौर पर घरों, दुकानों और छोटे लोड के लिए किया जाता है। थ्री-फेज सप्लाई में तीन फेज तार (R, Y, B) और एक न्यूट्रल तार होता है। इसमें किन्हीं दो फेजों के बीच 415V की सप्लाई मिलती है। इसका उपयोग इंडस्ट्री, वर्कशॉप और बड़े कमर्शियल भवनों में भारी मशीनरी और मोटरों को चलाने के लिए किया जाता है क्योंकि यह अधिक और स्थिर पावर प्रदान करती है।

30. Electrical fire पर पानी का उपयोग करने की सलाह क्यों नहीं दी जाती है?

बिजली से लगी आग पर पानी का उपयोग करना बेहद खतरनाक है क्योंकि पानी बिजली का सुचालक (good conductor) होता है। पानी डालने से करंट पानी में फैल सकता है, जिससे आग बुझाने वाले व्यक्ति को गंभीर बिजली का झटका लग सकता है और आग और भी फैल सकती है। बिजली की आग बुझाने के लिए Class 'C' फायर एक्सटिंग्विशर जैसे CO2 (कार्बन डाइऑक्साइड) या सूखे पाउडर (Dry Powder) का उपयोग करना चाहिए जो बिजली का संचालन नहीं करते हैं।

Important Tips for Success in Interview

1. समय पर पहुंचें

इंटरव्यू के स्थान पर 10-15 मिनट पहले पहुंचना आपकी समय की पाबंदी को दर्शाता है। इससे आपको माहौल में ढलने का भी समय मिलता है।

2. प्रोफेशनल ड्रेस-अप

साफ़-सुथरे और फॉर्मल कपड़े पहनें। अगर संभव हो तो सेफ्टी शूज़ पहनें, यह आपके काम के प्रति गंभीरता को दिखाता है।

3. तकनीकी ज्ञान को दोहराएँ

अपने सभी बेसिक कॉन्सेप्ट्स (जैसे Ohm's Law), वायरिंग, मोटर्स, ट्रांसफार्मर और विशेषकर इलेक्ट्रिकल सेफ्टी नियमों को अच्छी तरह से पढ़ लें।

4. आत्मविश्वास बनाए रखें

सवालों का जवाब शांत और आत्मविश्वास के साथ दें। अगर आप नर्वस हैं, तो गहरी सांस लें और फिर बोलें।

5. स्पष्ट रूप से बोलें

अपनी बात को हिंदी या इंग्लिश में, बिना झिझक के साफ़-सुफ़्त कहें। आपकी आवाज़ में स्पष्टता होनी चाहिए।

6. धैर्य से सुनें और विनम्र रहें

इंटरव्यू लेने वाले की बात को बीच में न काटें। सवाल पूरा सुनने के बाद ही सोच-समझकर जवाब दें।

7. उदाहरण के साथ जवाब दें

अपने उत्तर को और प्रभावी बनाने के लिए उदाहरणों का प्रयोग करें। जैसे: "जब Current ज़्यादा होता है, तो Fuse पिघलकर Circuit को Break कर देता है, जिससे उपकरण सुरक्षित रहता है।"

8. प्रैक्टिकल नॉलेज दिखाएँ

जब टूल्स, मशीनरी या प्रैक्टिकल काम के बारे में पूछा जाए, तो आत्मविश्वास के साथ विस्तार से समझाएँ। यह दिखाता है कि आपको काम की अच्छी समझ है।

9. तैयारी के लिए नोट्स बनाएं

Interview के लिए अपने महत्वपूर्ण concepts और formulas के notes बनाएं। इसे revise करना आसान रहता है और याद रखने में मदद मिलती है।

10. Mock Interview Practice करें

दोस्त या senior electrician के साथ mock interview करें। इससे आपका confidence बढ़ता है और आप nervousness कम कर सकते हैं।

11. Safety Awareness दिखाएँ

इंटरव्यू में safety protocols, PPE और सही working procedures के बारे में सवाल पूछा जा सकता है। इसका सही जवाब देने से आपका professionalism दिखता है।

12. Tools और Machines के बारे में knowledge रखें

Basic tools जैसे multimeter, tester, screwdrivers और motor testing equipment के बारे में जानकारी रखें। Practical questions में यह मदद करेगा।

FAQs (Frequently Asked Questions)

Q1. ITI Electrician interview में सिर्फ technical questions आते हैं क्या?

A: नहीं, attitude, safety awareness और practical knowledge भी check की जाती है।

Q2. अगर मैं question नहीं जानता तो क्या करूँ?

A: Confident रहकर politely कहें कि आप practical experience के अनुसार सीख रहे हैं।

Q3. Interview के लिए कोई practical test होता है क्या?

A: कई companies में practical test होता है जैसे wiring, motor testing या safety check।

Q4. Interview में कैसा dress पहनें।?

A: Simple और professional dress पहनें। Clean shirt, pant और optional safety shoes।

Q5. Practical test में क्या expect कर सकते हैं?

A: Wiring connections, motor testing, multimeter use और basic safety checks अक्सर test किए जाते हैं।

इंटरव्यू में सफलता पाने के लिए technical knowledge के साथ-साथ attitude, confidence और safety awareness बहुत जरूरी हैं। ऊपर दिए गए Top 30 Questions और Tips आपकी तैयारी को आसान और structured बनाते हैं। हमेशा याद रखें: calm रहें, clearly बोलें, और practical knowledge दिखाएँ।

यदि आप इन टिप्स को ध्यान में रखकर तैयारी करेंगे, तो ITI Electrician interview में select होने के आपके chances काफी बढ़ जाएंगे।